सोना निवेश के विकल्प: कौन सा है सबसे बेहतर?

Gold Investment Options Compared A Comprehensive Guide Best Investment

सोने में निवेश करने के लिए भौतिक सोना, गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे कई विकल्प मौजूद हैं। हर विकल्प के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए इन विकल्पों को विस्तार से समझते हैं।

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Gold Investment Options Compared A Comprehensive Guide Best Investment

भौतिक सोना

भौतिक सोना वह होता है जिसे निवेशक अपने पास सिक्के या बार के रूप में रखते हैं।

फायदे:

  • पूरी तरह निवेशक के अधिकार में होता है।
  • इसे अपनी पसंद की जगह पर रखा जा सकता है।

नुकसान:

  • इसे स्टोर करने और बीमा करवाने का खर्च उठाना पड़ता है।
  • चोरी या नुकसान का जोखिम रहता है।

गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds)

गोल्ड ईटीएफ शेयर बाजार में ट्रेड होने वाले फंड हैं जो सोने की कीमत पर आधारित होते हैं।

फायदे:

1.            आसान ट्रेडिंग: शेयर बाजार में स्टॉक्स की तरह आसानी से खरीदे और बेचे जा सकते हैं।

2.            कम लागत: भौतिक सोने की तुलना में स्टोरेज और बीमा का खर्च नहीं होता।

3.            छोटे निवेश: कम मात्रा में निवेश संभव।

4.            पारदर्शिता: ईटीएफ अपने सोने की होल्डिंग और कीमत की जानकारी नियमित रूप से साझा करते हैं।

5.            लचीलापन: निवेशक दिन के अंदर भी ट्रेड कर सकते हैं।

नुकसान:

•             निवेशक के पास असली सोने का मालिकाना हक नहीं होता।

•             फंड प्रबंधन से जुड़े जोखिम हो सकते हैं।

डिजिटल गोल्ड

डिजिटल गोल्ड में निवेशक बिना भौतिक रूप में सोना रखे, डिजिटल तरीके से सोने का मालिक बनता है।

फायदे:

•             छोटे निवेश में भी संभव।

•             आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।

•             स्टोरेज की समस्या नहीं।

नुकसान:

•             तकनीकी खराबी और धोखाधड़ी का खतरा हो सकता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारतीय सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। ये सोने में निवेश का सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं।

फायदे:

1.            गैर-कर योग्य लाभ: परिपक्वता पर कैपिटल गेन टैक्स से छूट।

2.            सुरक्षित निवेश: सरकारी गारंटी के साथ आते हैं।

3.            अतिरिक्त ब्याज: निवेशकों को 2.50% वार्षिक ब्याज मिलता है।

4.            स्टोरेज की समस्या नहीं: ये बॉन्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहते हैं।

नुकसान:

•             बॉन्ड की अवधि 8 साल होती है, हालांकि 5 साल बाद निकासी का विकल्प है।

निष्कर्ष

सोने में निवेश का विकल्प चुनते समय अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहने की क्षमता को ध्यान में रखें। सही निर्णय के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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